नमस्कार मित्रों!
हमारे समाज में मानसिक रोगों के प्रति बहुत ज्यादा नासमझी है और मानसिक रोगियों को अधिकतर या तो नज़रंदाज़ कर दिया जाता है या उनको पागल मानकर प्रताड़ित किया जाता है। मानसिक रोगों के उपचार के साधन एक तो कम हैं और दूसरे इनको भूतप्रेत और ऊपरी साया मानकर झाड़फूंक से काम चलाया जाता है। उचित इलाज न मिलने से रोग गंभीर हो जाता है। इसके बाद या तो रोगी को सड़क पर छोड़ दिया जाता है या फिर उसके इलाज पर बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है।
इस तरह देश का धन और जन दोनों की हानि होती है। जरूरत है रोग को आरंभ ही से पहचान कर उसका उपचार करने की और रोगीयों के प्रति सहानुभूति पूर्ण नज़रिए की।
धन्यवाद!